Monday, July 12, 2010

याद रहेगा मुझे...

Internship खत्म होने को है। सोचा नहीं था इतनी जल्दी इतना कुछ सीख लूंगी। पहली बार किताबों से बाहर निकल असल में कुछ सीखा है। एक बहुत ही खास और मददगार अनुभव था, जो जिंदगीभर याद रहेगा और काम आएगा। टीम का इतना सहयोग रहा कि किसी भी चीज को लेकर कोई भी शंका मन में हुई, तो पलभर में गायब हो गई। अपनी प्राथमिकताएं तय करने और हर विषय पर तर्क सहित अपनी स्वतंत्र राय बनाने की अहमियत मैंने यहीं से सीखी है। हिन्दी की टाइपिंग भी यहीं आकर सीखी।
सच! बहुत ही कीमती अनुभव रहा है। मुझे पहला दिन याद है, जब थोड़ी सहमी हुई ऑफिस में आई थी मैं, आने वाले दो महीनों के अनुभव से अज्ञात! स्वभाविक ही था। आखिर पहली बार हर किसी को थोड़ा डर तो लगता ही है। परंतु एक तसल्ली थी कि जो कुछ नया सीखने मैं आई थी, वह जिंदगी भर मेरे साथ रहेगा। आज मेरी यह धारणा सही साबित हो गई।
दिल से एनडीटीवी खबर टीम का धन्यवाद करती हूं। :)

2 comments:

  1. जो मेहनत करता है, वह सीखता ही है... अपनी प्राथमिकताओं को हमेशा ज़हन में रखना, लेकिन उन्हें तय करने से पहले सही-गलत पर विचार-मनन आवश्यक है... और हां, हर विषय पर, हर मुद्दे पर खुद की राय बनाने में तर्क के महत्व को समझ रही हो, बेहद खुशी हुई जानकर... हमेशा प्रगति करो, खुश रहो...

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  2. Thank you so much sir! :-)
    I can never forget your tips and the guidance you gave me... Will keep these with me forever...

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